जगजीवन महाविद्यालय एक ऎसे पावन विद्या मंदिर है, जहाँ से विद्या अध्ययन कर चुके छात्र दुनिया के हर कोने-कोने में फैले हैं । वे जगजीवन काँलेज के छात्र होने का गौरव महसूस करते है । यह एक ऎसा नाम है, जिसके साथ किसी भी रुप में जुडकर हर कोई अपने को गौरवान्वित महसूस करता है । शिक्षा बौद्विक जगत का प्रवेश द्वार है । शिक्षा ज्ञान का प्रसार है । आज शिक्षा के क्षेत्र में गिरावट आयी है । यही चिन्ता का विषय है । मेरी दृष्टि में शिक्षा वही है, जो प्रसुप्त वर्त्तमान समस्याओं को परखने की सूझ - बूझ पैदा करती है एवं उसके निदान हेतु प्रेरित करती है । जिज्ञासा ही जीवन है । आज के परिवेश में शिक्षा में एक नयी क्रांति की जरुरत है । शिक्षा के क्षेत्र में समस्याओं के समाधान के लिए शिक्षक, छात्र, छात्रएँ एवं अभिभावकों का सहयोग अपेक्षित है । विद्यार्थी जीवन का मूल मंत्र ही होता है :- अनुशासन ! अनुशासन में रहकर ही विद्या अध्ययन संभव है । सभी विद्यार्थी यह दृढ संकल्प लें कि वे ऎसा कुछ भी नहीं करेंगे, जिससे कि इस महाविद्यालय की गरिमा धुमिल हो, बल्कि कुछ ऎसा कर जायेगें, जिससे इसका नाम अधिक उज्जवल हो । हमारा यह प्रयास रहेगा कि इस महाविद्यालय परिवार के हर सदस्यों का अपेक्षित सहयोग प्रप्त हो । महाविद्यालय के सभी सदस्य कर्त्तव्यनिष्ठ हैं । वे और अधिक अपनत्व और निष्ठा से कार्य का निर्वहन कर महाविद्यालय की प्रगति में चार-चाँद लगायेंगे । "जय हिन्द - जय भारत"
Prof. Dr. Abha Singh
प्रधानाचार्य |